साक्षी मलिक किस खेल से जुड़ी हैं?
नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे भारत की एक ऐसी बेटी की जिसने कुश्ती के क्षेत्र में देश का नाम रोशन किया है। हम बात कर रहे हैं साक्षी मलिक की। तो, आज हम जानेंगे कि साक्षी मलिक किस खेल से सम्बंधित हैं? और उन्होंने अपने करियर में क्या-क्या उपलब्धियां हासिल की हैं। अगर आप भी साक्षी मलिक के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
साक्षी मलिक: एक परिचय
साक्षी मलिक का जन्म 3 सितंबर 1992 को हरियाणा के रोहतक जिले के मोखरा गांव में हुआ था। उनके पिता सुखबीर मलिक एक बस कंडक्टर हैं और उनकी मां सुदेश मलिक एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। साक्षी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के ही स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से स्नातक की डिग्री हासिल की।
साक्षी को बचपन से ही खेलों में रुचि थी। उन्होंने 12 साल की उम्र में कुश्ती खेलना शुरू कर दिया था। उनके कोच ईश्वर दहिया ने उन्हें इस खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। साक्षी ने शुरुआत में गांव के अखाड़े में ही कुश्ती के गुर सीखे। इसके बाद उन्होंने सोनीपत के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
साक्षी मलिक एक भारतीय पहलवान हैं। उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था। वे ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। साक्षी ने 2014 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक और 2018 के गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक भी जीता था।
साक्षी मलिक का कुश्ती करियर
साक्षी मलिक ने 2010 में एशियाई जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। इसके बाद उन्होंने 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता। लेकिन उन्हें असली पहचान 2016 के रियो ओलंपिक में मिली, जब उन्होंने कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
शुरुआती करियर
साक्षी मलिक ने 2010 में एशियाई जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अपने कुश्ती करियर की शुरुआत की। यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि इसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। इस जीत के बाद, साक्षी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार आगे बढ़ती रहीं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
राष्ट्रमंडल खेल
2014 में, साक्षी मलिक ने ग्लासगो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया। उन्होंने 58 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता। यह उनके करियर की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने के बाद, साक्षी का आत्मविश्वास और भी बढ़ गया और उन्होंने ओलंपिक में पदक जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया।
रियो ओलंपिक 2016: ऐतिहासिक जीत
2016 के रियो ओलंपिक में साक्षी मलिक ने 58 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वे ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं। साक्षी ने कांस्य पदक के मुकाबले में किर्गिस्तान की आइसुलु टाइनीबेकोवा को 8-5 से हराया। उनकी इस जीत ने पूरे देश को गर्व से भर दिया।
साक्षी की यह जीत इसलिए भी खास थी क्योंकि उन्होंने क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद रेपेचेज राउंड में जगह बनाई थी। रेपेचेज राउंड में उन्होंने मंगोलिया की ओरखोन पुरेवदोर्ज को 12-3 से हराया और कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बनाई। कांस्य पदक के मुकाबले में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए किर्गिस्तान की पहलवान को हराया और इतिहास रच दिया।
अन्य उपलब्धियां
रियो ओलंपिक के अलावा, साक्षी मलिक ने कई अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी पदक जीते हैं। उन्होंने 2017 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। इसके अलावा, उन्होंने 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक भी जीता। साक्षी ने 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी भाग लिया, लेकिन वे पदक जीतने में सफल नहीं रहीं।
साक्षी मलिक की प्रेरणा
साक्षी मलिक ने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया। उन्हें कई बार चोटों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया और कड़ी मेहनत करती रहीं। साक्षी मलिक युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर आप कड़ी मेहनत करते हैं तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
साक्षी मलिक का कहना है कि उन्हें अपने परिवार और कोच का पूरा समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और उन्हें कभी भी हार मानने नहीं दी। उनके कोच ने उन्हें कुश्ती के गुर सिखाए और उन्हें एक बेहतर पहलवान बनाने में मदद की।
साक्षी मलिक का सामाजिक योगदान
साक्षी मलिक न केवल एक सफल पहलवान हैं, बल्कि वे एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वे कई सामाजिक कार्यों में भाग लेती हैं और लोगों को जागरूक करने का काम करती हैं। उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में भी सक्रिय रूप से भाग लिया है।
साक्षी मलिक का कहना है कि वे समाज के लिए कुछ करना चाहती हैं। वे चाहती हैं कि हर लड़की को शिक्षा मिले और वह अपने सपनों को पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि वे हमेशा लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहेंगी।
साक्षी मलिक को मिले पुरस्कार और सम्मान
साक्षी मलिक को उनकी उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया है। उन्हें 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, उन्हें पद्म श्री पुरस्कार भी मिला है। साक्षी मलिक को अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
निष्कर्ष
साक्षी मलिक एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया और कड़ी मेहनत करती रहीं। आज, वे भारत की सबसे सफल महिला पहलवानों में से एक हैं। उन्होंने ओलंपिक पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है।
तो दोस्तों, अब आप जान गए होंगे कि साक्षी मलिक किस खेल से सम्बंधित हैं। वे कुश्ती के क्षेत्र में भारत का गौरव हैं और उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। ऐसे ही और जानकारीपूर्ण लेखों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। धन्यवाद!